The hidden secrets on why Ayurveda is important in today's daily life General Health/Immunity
The hidden secrets on why Ayurveda is important in today's daily life
FEBRUARY 29, 2020

importance of ayurveda in todays world

the importance of avurveda in daily life now

आयुर्वेद क्या है? 

 

आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रणाली के अनुसार, चिकित्सक द्वारा आपकी समस्याओं के अनुकूल विशेष रूप से डिज़ाइन की गई एक उपचार योजना बनाई जाती है। आपकी विशेष शारीरिक और भावनात्मक क्षतिपूर्ति और तीन तत्वों के बीच के संतुलन को ध्यान में रखते हुए आपको आयुर्वेदिक दवा दी जाती हैं।

आयुर्वेदिक चिकित्सा दुनिया की सबसे पुरानी और समग्र शारीरिक चिकित्सा प्रणालियों में से एक है। यह भारत में ५००० साल पहले विकसित किया गया था। बदलती जीवन शैली में इंसान जल्दी राहत के लिए अलग-अलग और सहज पद्धतियां अपना रहे हैं, लेकिन असाध्य बीमारियों को जड़ से मिटाने के लिए आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति रामबाण है। इससे कई बीमारीयों को टाला जा सकता है और कुछ बीमारीयों को हावी होने से रोका भी जा सकता है। खास बात यह है के इसका कोई साइड-इफेक्ट नहीं होता।

आयुर्वेद शब्द का अर्थ: आयुर्वेद एक संस्कृत शब्द है जिसका हिंदी में अर्थ होता है "जीवन का विज्ञान" (संस्कृत मे मूल शब्द आयुर का अर्थ होता है "दीर्घ आयु" या आयु और वेद का अर्थ होता हैं "विज्ञान")।

आयुर्वेद का विश्लेषण: आयुर्वेद का आधार है शरीर और मन का संतुलन। स्वास्थ्य भी इस नाज़ूक संतुलन पर निर्भर करता है। इसका मुख्य लक्ष्य अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देना है, न कि केवल बीमारी से लड़ना। लेकिन आयुर्वेद चिकित्सा विशिष्ट स्वास्थ्य समस्याओं की ओर बढ़ाया जा सकता है। यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ़ अमेरिका में इसे पूरक और वैकल्पिक चिकित्सा (CAM) का एक रूप माना जाता है।

 

 

आयुर्वेदिक जीवन शैली

जिन पांच तत्वों से हमारा शरीर बनता है, उन्हीं तत्वों के आधार पर इससे जुड़े दोष और रोग दूर किए जा सकते हैं। ऐसे में एक स्वस्थ्य शरीर के लिए आयुर्वेदिक जीवन शैली का पालन करना जरूरी हो जाता है। इस जीनवशैली को अपनाते हुए हम ऐसे खाने का सेवन करते हैं, जो शरीर के लिए फायदेमंद होता है और उससे किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचता। ऐसे में एक आयुर्वेदिक जीवन शैली वही मानी जाती है, जिसमें ऐसी चीजें इस्तेमाल हो जो प्राकृतिक उत्पादों से बनाई जाती हैं और जिन में कम से कम मात्रा में केमिकल होते हैं। इसमें खाने और पानी पीने का तरीका भी आम तरीके से अलग होता है।


'केरला आयुर्वेदा’ कंपनी बीते सात दशकों से हर तरह के आयुर्वेदिक सामान उपलब्ध कराकर लोगों के जीवन को सुगम बना रही है। आयुर्वेदिक दवाओं से कठिन बीमारियों के इलाज में मदद मिल सक्ति है और शरीर को मजबूत एवं रोग मुक्त बनाया जा सकता है। जैविक आयुर्वेदिक पदार्थों के उपयोग से त्वचा और बाल भी स्वस्थ रह पाते हैं। इस प्रकार इनसे जुड़ी परेशानियों खुद ब खुद दूर हो जाती हैं। एक आयुर्वेदिक जीवन शैली में समय पर सोना, अनुकूलित भोजन करना, प्रत्याहीक व्यायाम करना और नशे जैसी बुरी आदतों से दूर रहना शामिल है।

 

आयुर्वेद और प्राण ऊर्जा (प्राणा):

आयुर्वेद महज जड़ी-बूटी नही है। आयुर्वेद  एक प्राचीन पद्धति है। CAM थेरेपी के छात्रों का मानना ​​है कि जीवन और मृत्यु एक दूसरे से सार्वलौकिक प्रकार से जुड़े हैं। यदि आपका मन, शरीर और आत्मा में ये सार्वलौकिक तालमेल बना रहता है, तो आपका स्वास्थ्य अच्छा रहता है। जब कोई चीज इस संतुलन को रोकती है, तो आप बीमार पड़ जाते हैं। इस संतुलन को परेशान करने वाली चीजों में आनुवंशिक या जन्म दोष, चोट, जलवायु, मौसमी परिवर्तन, उम्र और आपकी भावनाएं शामिल हो सकती हैं।

जो लोग आयुर्वेद का अभ्यास करते हैं उनका मानना ​​है कि प्रत्येक व्यक्ति ब्रह्मांड में पाए जाने वाले पाँच मूल तत्वों से बना है: आकाश, वायु, अग्नि, जल और पृथ्वी। ये मानव शरीर में तीन जीवन बलों या ऊर्जाओं का संयोजन करते हैं, जिन्हें 'दोष' भी कहा जाता है। वे नियंत्रित करते हैं कि आपका शरीर कैसे काम करता है। ये तीन दोषों के नाम हैं - वात दोष (आकाश और वायु तत्व का अधिक होना) हैं; पित्त दोष (अग्नि और जल तत्व का अधिक होना); और कपा दोष (जल और पृथ्वी तत्व का अधिक होना)। 

हर किसी को तीन दोषों का एक अनूठा मिश्रण विरासत में मिलता है। लेकिन कोई भी एक दोष आमतौर पर दूसरों की तुलना में मजबूत होता है। हर एक दोष अलग बॉडी फंक्शन को नियंत्रित करता है। ये माना जाता है कि आपके बीमार होने की संभावनाएं - और आपके द्वारा विकसित की जाने वाली शारीरिक समस्याएं आपके दोषों के संतुलन से जुड़ी हैं।

 

आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रणाली और आयुर्वेदिक दवा

आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रणाली के अनुसार, चिकित्सक द्वारा, आपके समस्याओं के अनुकूलित विशेष रूप से डिज़ाइन की गई एक उपचार योजना बनाया जाता है। आपके विशेष शारीरिक और भावनात्मक क्षतिपूर्ति और ये तीनों तत्वों के बीच संतुलन को ध्यान रखते हुए आपको आयुर्वेदिक दवा दिया जाता हैं।

आयुर्वेदिक चिकित्सा का और आयुर्वेदिक दवा का लक्ष्य हैं शरीर की सफाई। इस सफाई प्रक्रिया को "पंचकर्म" कहा जाता है। बिना पाचन के जो खाना शरीर में रह जाता हैं उसे हम बेकार या अपशिष्ट मानते हैं। यह अपशिष्ट खाना आपके शरीर में रह सकता है और बीमारी को जन्म दे सकता है। यह शरीर का शोधन, अलग अलग दवा और चिकित्सा प्रणालियाँ आज़मा के किया जा सकता है जिसके लिए आयुर्वेदिक चिकित्सक रक्त शोधन, मालिश, भैषजिक तेलों, जड़ी-बूटियों और एनीमा या जुलाब पर भरोसा कर सकता है।

 

आयुर्वेदिक जीवन शैली

हमारे शरीर जिन पांच तत्वों से पूर्ण होते हैं उनके आधार पर हमारे शरीर का दोष और रोगों के उपचार का समाधान भी मिलते हैं। इसीलिए आयुर्वेद को पौराणिक विज्ञानं में भी जीवन का आधार माना गया हैं।

हमारे रोज़मर्राह के दौड़ भाग में, हम जीवन के इस आधार को भूलते चले गयें। हम भूल गयें हैं के खाना शरीर का ज़रूरत है, कोई मनोरंजन नहीं। स्वादिस्ट भोजन और अभिनव भोजन के पीछे हम सुस्वस्थ को अक्सर नज़रअंदाज़  करते हैं ।

आयुर्वेदिक मेडिसिन और आयुर्वेदिक जीवन शैली एक फायदेमंद और महत्वा पूर्ण चर्चा है जिससे प्रोत्साहित होना चाहिए। आयुर्वेदिक दवाओं से कठिन बिमारियों का भी इलाज बिना सर्जरी या ऑपरेशन किया जा सकता है, अगर आप पहले से ही रोगों से लड़ने के लिए शरीर को मजबूत बना सकें।

 

आयुर्वेदिक टिप्स – आयुर्वेदिक जीबन शैली में ध्यान रखें ये बातें

रोज़मर्राह के जीवन में कई छोटी-मोटी बीमारियां होती रहती हैं। आयुर्वेदिक जीवन शैली के माध्यम से ऐसे रोगों से दूर रहा जा सकता हैं। ऐसी ही कुछ आयुर्वेदिक टिप्स का ध्यान रक्खें इस प्रकार:

  • शरीर के अनुकूलित भोजन

  • समय पर नींद

  • शारीरिक आराम और पक्की नींद 

  • प्रत्याहीक व्यायाम 

  • बुरी आदतों का नाश और नशा से परहेज़ आदि।

 

आयुर्वेद में पानी पीने के तरीके:
  • सुबह उठकर हर रोज गुनगुना पानी पीएं

  • पानी कभी एक साथ नहीं पीएं, इसे एक-एक सिप करके पीएं 

  • नीचे बैठकर ही पानी पिएं, खड़ा होकर नहीं

 

आयुर्वेद में खाना खाने के तरीके:
  • भोजन को अच्छे से चबाकर खाएं

  • सुबह के ब्रैकफास्ट जरुर करना चाहिए और वो भी भरपेट 

  • भोजन करते वक़्त पेट में हल्की सी जगह रख देना चाहिए

  • शाम को डिनर ८ बजे तक कर लीजिये तो भोजन का पाचन और नींद भी अच्छी होती हैं

 

आयुर्वेद के फायदे 

आयुर्वेदिक् विज्ञान कोई चमत्कार तो नही है के पर आयुर्वेद के चमत्कारों का उदहारण कुछ कम भी नही हैं। अमेरिका में, कुछ राज्यों  में राज्य-अनुमोदित आयुर्वेदिक स्कूल हैं, लेकिन इस वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति का अभ्यास करने वालों के लिए कोई राष्ट्रीय मानक प्रशिक्षण या प्रमाणन कार्यक्रम नहीं है। 

जब तक आप अपने शरीर के प्रकार या तत्वों के अनुसार भोजन कर रहे हैं और उसके अनुसार अभ्यास कर रहे हैं, आयुर्वेद दावा करता है कि आप रोग मुक्त रहेंगे।


 




Table of Content

Recent Blogs

Post

Oil Pulling and Its Benefits: Everything You Need to Know!

Read more

Post

AYURVEDIC REMEDIES FOR SINUSITIS

Read more

Post

Dry Ginger: Benefits & Uses, Ayurvedic Remedies

Read more

Post

Ayurvedic Treatment for Common Cold.

Read more

Recent Blogs

Oil Pulling and Its Benefits: Everything You Need to Know!

Read Article

AYURVEDIC REMEDIES FOR SINUSITIS

Read Article

Dry Ginger: Benefits & Uses, Ayurvedic Remedies

Read Article

Ayurvedic Treatment for Common Cold.

Read Article

Related Blogs

General Health/Immunity

10 Feb, 2024

Cleansing: Mind, Body & Spirit

Read Article

General Health/Immunity

10 Feb, 2024

8 DIY Ayurveda Rituals (Dinacharya) | Self Care Routine

Read Article

General Health/Immunity

10 Feb, 2024

Yoga Nidra Meditation for Sleep - Benefits and How to do it

Read Article

General Health/Immunity

10 Feb, 2024

Ayurveda and Cancer

Read Article

General Health/Immunity

15 Jan, 2018

Cleansing: Mind, Body & Spirit

Read Article

General Health/Immunity

10 Nov, 2022

8 DIY Ayurveda Rituals (Dinacharya) | Self Care Routine

Read Article

General Health/Immunity

04 Sep, 2023

Yoga Nidra Meditation for Sleep - Benefits and How to do it

Read Article

General Health/Immunity

04 Feb, 2017

Ayurveda and Cancer

Read Article

Why Choose Us

80+ years Heritage

100% Natural & Herbal

Perfect blend of Classical + Modern

Leaders of authentic Ayurveda