शीतपित्त का आयुर्वेदिक इलाज और घरेलू उपचार
शीतपित्त का आयुर्वेदिक इलाज General Health/Immunity
शीतपित्त का आयुर्वेदिक इलाज और घरेलू उपचार
FEBRUARY 7, 2023

शीतपित्त का आयुर्वेदिक इलाज और घरेलू उपचार

शीतपित्त एक सेहत संबंधित विषय है जो अधिक समय तक अनदेखा करने से एक गंभीर समस्या का रूप ले सकती है।

भले ही आप शुरुआती स्तर पर हों, या मध्य स्तर पर, शीतपित्त के विषय में असावधानी महँगी पड़ सकती है।

इस blog के माध्यम से हम अपने पाठकों के साथ शीतपित्त का आयुर्वेदिक इलाज, शीतपित्त के लक्षण, इस के उत्पन्न होने के कारण, तथा अन्य महत्वपूर्ण जानकारियाँ संमझा रहे हैं।

आगे जानने के लिये पढ़ते रहिए और बढ़ते रहिए उत्तम स्वास्थ्य की ओर।

शीतपित्त के लक्षण

शीतपित्त के निम्नलिखित लक्षण मुख्य हैं और इन पर ध्यान देना आवश्यक है।

  • त्वचा पर लाल चकत्ते दिखाई देना
  • त्वचा पर बिच्छू के काटने जैसे निशान उत्पन्न होना
  • अत्यधिक खर्ज (खुजली) होना
  • एक विचित्र सी चुभन का अनुभव होना
  • उल्टी, बुखार जैसी स्थितियाँ
  • अत्यधिक प्यास लगना
  • त्वचा पर जलन की अनुभूति होना

शीतपित्त उत्पन्न होने के कारण

आयुर्वेद हमे बताता है के शीतपित्त अनेक कारणों से उत्पन्न हो सकता है। सेहत का ठीक ढंग से ध्यान नहीं रखना, पाचन संबंधित समस्यायें होना, नींद ना आना, दवाओं के अनुचित प्रयोग से प्रतिक्रिया होना, रात में देर से सोना, या दिन का अधिक समय सोने में व्यतीत करना या अधिक नमकीन, तले हुए, भुने हुए, और मसालेदार भोजन का सेवन करना शीतपित्त के कुछ मुख्य कारण हैं।

शीतपित्त से बचाव हेतु, इन कारणों से बचाव निश्चित रूप से आवश्यक है।

इन के अतिरिक्त, जब वायु का प्रवाह अति शीतल हो तो बचाव का सुझाव दिया जाता है।

शीतपित्त का आयुर्वेदिक उपचार: उचित आहार

अधिकतम स्वास्थ्य संबंधित समस्यायों की भाँति, शीतपित्त का उपचार भी आहार में छिपा है।

उचित भोजन करने से और नियमित रूप से निर्देशित खाद्य वस्तुओं का परहेज़ करने से आपकी शीतपित्त की समस्या क़ाबू में आ सकती है।

तो क्या ख़ाना उचित है, और किस खाद्य पदार्थ का परहेज़ करना है? जानने के लिये पढ़िए आगे।

खाने की इन वस्तुओं का परहेज़ करें:

  • दूध और दुग्ध उत्पाद
  • अत्यधिक मसालेदार और तली और भुनी हुई भोजन सामग्री
  • Fermented, नमकीन, और खट्टे खाद्य पदार्थ
  • मांसाहारी भोजन
  • Processed खाने की चीज़ें और चीनी
  • मदिरा का सेवन
  • ठंडे पेय पदार्थों का अत्यधिक सेवन

खाने कि इन वस्तुओं के सेवन से शीतपित्त की स्थिति बेहतर हो सकती है:

शीतपित्त में अपनी स्थिति बेहतर करने के लिए उपरिलिखित वस्तुओं का परहेज़ करते हुए आप अन्य सेहतमंद खाद्य पदार्थ खा सकते हैं। इसके अतिरिक्त, आमला ,हल्दी, और नीम का उपयोग करना अति लाभदायक सिद्ध हो सकता है।

इन तीनों पदार्थों की जीवानुविरोधी प्रकृति इन्हें स्वास्थ्य के लिए सहायक बनती हैं और आपके शरीर में जीवाणु संक्रमण को प्रतिबाधित करती है।

इन तीनों के सेवन की विधियाँ भिन्न हैं।

उदाहरण के लिए, आमला आप या तो कच्चा खा सकते हैं, या मुरब्बे के रूप में इस का सेवन कर सकते हैं। क्योंकि हम शीतपित्त से बचाव कर रहे हैं, इस लिए आमले के आचार का सेवन उचित नहीं होगा।

इस के अलावा, हल्दी का प्रयोग आप अपने खाने को अधिक स्वादिष्ट और सेहतमंद बनाने के लिए कर सकते हैं, और नीम के पत्तों को अपनी नींबू और अदरक वाली चाय में डाल कर पी सकते हैं, अथवा गरम पानी में इसे पी कर भी इस का लाभ ले सकते हैं।

शीतपित्त का आयुर्वेदिक इलाज

आयुर्वेद में लगभग हर प्रकार की स्वास्थ्य संबंधित समस्यायों के लिये उपचार की विधि उल्लेखित हैं। नीचे दिये गये आयुर्वेदिक औपचारों में आप को शीतपित्त के आयुर्वेदिक इलाज मिलेगा।

  • गिलोय, हल्दी, आंवला और नीम का नियमित रूप से सेवन करें।
  • नीम की पत्तियों को पानी में उबालकर उस पानी से नहाऐं।
  • शरीर पर नारियल तेल अच्छे से मलें। इस से से मदद मिल सकती है।
  • अगर आप शीतपित्त कि समस्या से लंबे समय से जूझ रहे हैं तो आप हमारी पंचकर्म क्रिया की मदद ले सकते हैं। यह उपचार का एक प्रभावशाली विकल्प है।
  • ऐलोवेरा gel एक प्रभावपूर्ण शाक है जिस के उचित प्रयोग से शीतपित्त की समस्या में आराम मिल सकता है। ऐलोवेरा gel को प्रतिदिन अपनी त्वचा पर लगायें। इस से ना केवल शीतपित् की समस्या संतुलन में आएगी, बल्कि त्वचा भी स्वस्थ रहेगी।

सारांश

शीतपित्त एक सेहत संबंधित समस्या है जिस में त्वचा पर एक प्रकार के चकते उत्पन्न हो सकते हैं। ये निशान अनेक प्रकार के हो सकते हैं और शीतपित्त के कई कारण हो सकते हैं।

इस blog में हमने शीतपित्त के विषय में विस्तारपूर्वक चर्चा की और उस के कारणों, लक्षणों, और आयुर्वेदिक उपचारों पर प्रकाश डाला। आशान्वित हैं यह जानकारी आपके लिये सहायक होगी और आप को शीतपित्त की स्थिति से आराम मिलेगा।

इस blog का सारांश यह है:

  • शरीर पर भिन्न प्रकार के निशानों से ले कर त्वचा में जलने का एहसास होना - यह सब शीतपित्त के लक्षण हैं।
  • शीतपित्त अनेक कारणों से उत्पन्न हो सकता है, और अगर यह स्थिति आप के समक्ष आय तो घबरायें नहीं। एक अनुभवी आयुर्वेदिक चिकित्सक के संपर्क में आयें और इलाज की प्रक्रिया आरंभ करें।
  • आहार के आधार पर शीतपित्त का आयुर्वेदिक इलाज मुमकिन है। ख़ान-पान के विषय में दिशा निर्देश हमने ऊपर दिये हैं।
  • इस के अतिरिक्त शीतपित्त के उपचार के लिए अनेक आयुर्वेदिक उपाय हैं। इन के बारे में पढ़ें और अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनायें।



Table of Content

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